Skip to main content

भीमराव अंबेडकर: सामाजिक न्याय के योद्धा

 


नई दिल्ली: आज, भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती है। उन्हें भारतीय संविधान के जनक और दलितों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले एक महान समाज सुधारक के रूप में जाना जाता है। इस अवसर पर, देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें उनकी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण, विचार गोष्ठियां और रैलियां शामिल हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संदेश में कहा कि डॉ. अंबेडकर ने अपना पूरा जीवन सामाजिक समानता और न्याय के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष और विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी सरकार उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दलितों और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।

विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी डॉ. अंबेडकर को याद किया और उनके योगदान को सराहा।

मुख्य बातें:

 * डॉ. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था।

 * उन्होंने दलितों के अधिकारों के लिए अथक संघर्ष किया और उन्हें समाज में समान स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 * उन्हें भारतीय संविधान का जनक माना जाता है, जो सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों पर आधारित है।

 * डॉ. अंबेडकर ने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और दलितों को शिक्षित होने के लिए प्रेरित किया।

 * उन्होंने 'बहिष्कृत हितकारिणी सभा' और 'शेड्यूल्ड कास्ट्स फेडरेशन' जैसे संगठनों की स्थापना की, ताकि दलितों को संगठित किया जा सके और उनके अधिकारों के लिए लड़ा जा सके।

 * 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया।

 * 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया।

 * 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

आज, डॉ. अंबेडकर के विचार और आदर्श लाखों लोगों को सामाजिक न्याय और समानता के लिए लड़ने की प्रेरणा देते हैं। उनका योगदान भारतीय इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।

अन्य खबरें:

 * दिल्ली सरकार ने डॉ. अंबेडकर की जयंती पर एक विशेष 'वॉकथॉन' का आयोजन किया, जिसे मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाई।

 * विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों में डॉ. अंबेडकर के जीवन और विचारों पर व्याख्यान और चर्चाएं आयोजित की गईं।

 * सामाजिक संगठनों ने दलितों के अधिकारों और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए।

यह दिन हमें डॉ. अंबेडकर के संघर्षों और बलिदानों को याद करने और एक न्यायपूर्ण और समान समाज के निर्माण के लिए मिलकर काम करने की प्रेरणा देता है।


Comments

Popular posts from this blog

विदिशा : MPCZ , विदिशा में रिश्वतखोरी के आरोप ?

विदिशा, मध्य प्रदेश – 16 अप्रैल, 2025 – हालिया खबरों और पिछले आंकड़ों से मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (एमपीईबी), विशेषकर विदिशा क्षेत्र में कथित रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की चिंताजनक प्रवृत्ति का पता चलता है। हालाँकि, आज कोई विशेष, सत्यापित घटना सामने नहीं आई है, लेकिन पिछली घटनाओं और संबंधित समाचारों की समीक्षा से पता चलता है कि राज्य के बिजली क्षेत्र में, जिसमें एमपीईबी के अधिकार क्षेत्र वाले क्षेत्र भी शामिल हैं, रिश्वतखोरी का मुद्दा एक संभावित चिंता का विषय बना हुआ है। पिछली घटनाओं से भ्रष्टाचार की संभावना उजागर:  * फरवरी २०२३ : मध्य प्रदेश की एक सरकारी बिजली कंपनी के एक जूनियर इंजीनियर को कथित तौर पर बिजली संबंधी मामले को निपटाने के लिए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। हालाँकि यह विशेष घटना नरसिंहपुर में हुई थी, लेकिन यह राज्य के भीतर बिजली क्षेत्र की ऐसी प्रथाओं के प्रति संवेदनशीलता को उजागर करती है।  * मार्च २०२४ : मध्य प्रदेश मत्स्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को विदिशा में केंद्र सरकार की योजना के तहत धन स्वीकृत करने के लिए कथित तौर पर ...

पश्चिम बंगाल में हिंसा: वक्फ कानून और सीएए के विरोध में प्रदर्शन

  कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ दिनों से हिंसा की खबरें आ रही हैं। मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना जिलों में वक्फ संशोधन कानून और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में प्रदर्शन हिंसक हो गए। मुख्य घटनाएं:  * मुर्शिदाबाद: मुर्शिदाबाद में 11 अप्रैल 2025 को वक्फ कानून के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर तोड़फोड़, आगजनी और पत्थरबाजी की। खबरों के अनुसार, हिंसा में दो हिंदुओं - चंदन दास और हरगोबिंद दास - की मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों ने कई घरों और दुकानों को भी आग लगा दी, जिससे कई परिवार बेघर हो गए।  * दक्षिण 24 परगना: मुर्शिदाबाद के बाद, हिंसा दक्षिण 24 परगना के भांगर इलाके में भी फैल गई। यहां भी वक्फ कानून के विरोध में प्रदर्शन हुए, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और पुलिसकर्मियों पर भी हमले की खबरें हैं।  * सुरक्षा बलों की तैनाती: स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रभावित इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और राज्य पु...