नई दिल्ली: वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रही। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की।
सुनवाई के मुख्य अंश:
- मुस्लिम पक्षकारों के वकीलों ने तर्क दिया कि नया कानून संविधान के मूल ढांचे पर हमला है और इसका उद्देश्य धर्म के आधार पर देश को ध्रुवीकृत करना है। उन्होंने कहा कि यह कानून मुस्लिम समुदाय की अपनी धार्मिक संपत्तियों पर दावा करने, बचाव करने और उन्हें परिभाषित करने की क्षमता को समाप्त करता है।
- वकीलों ने वक्फ बोर्डों की लोकतांत्रिक संरचना को खत्म करने और गैर-मुस्लिमों को बोर्डों में नियुक्त करने का भी विरोध किया, जिसे उन्होंने मुस्लिम समुदाय के स्वशासन के अधिकार का हनन बताया।
- सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इन तर्कों का विरोध किया।
- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा कि क्या वक्फ बोर्ड और वक्फ काउंसिल में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों की आवश्यकता न्यूनतम है या अधिकतम।
- कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि वक्फ बोर्ड में पदेन अधिकारियों के अलावा मुस्लिम सदस्य ही होने चाहिए।
- हालांकि, कोर्ट ने आज कोई आदेश जारी नहीं किया और सुनवाई कल भी जारी रहेगी।
- मध्य प्रदेश में वक्फ बोर्ड की गतिविधियाँ:
- मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड नए वक्फ कानून के तहत एक्शन मोड में आ गया है।
- बोर्ड ने राज्य में वक्फ की अवैध कब्जे वाली जमीनों और कब्जेदारों को चिन्हित करके उन्हें नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है।
- बोर्ड के अध्यक्ष सनवर पटेल ने बताया कि मध्य प्रदेश में 2000 से ज्यादा ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर रखा है।
- इन लोगों को जल्द ही नोटिस भेजे जाएंगे, जिसमें उन्हें संपत्ति खाली करने या कानूनी किरायेदार बनने के लिए कहा जाएगा।
- मध्य प्रदेश में वक्फ की कुल 23,118 संपत्तियां हैं, जिनमें से 14,986 भू-संपत्तियों की जांच अभी बाकी है। भोपाल के 81 गांवों में 777 संपत्तियों का सत्यापन पूरा कर लिया गया है।
- बोर्ड का लक्ष्य वक्फ संपत्तियों को कब्जाधारियों से मुक्त कराकर उनका सही इस्तेमाल सुनिश्चित करना है।
वक्फ संपत्ति क्या है?
वक्फ एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है 'रोकना' या 'संरक्षित करना'। इस्लामी कानून में, वक्फ का तात्पर्य किसी चल या अचल संपत्ति को धार्मिक, पुण्यार्थ या परोपकारी उद्देश्यों के लिए स्थायी रूप से समर्पित करना है। एक बार जब कोई संपत्ति वक्फ कर दी जाती है, तो उसका स्वामित्व अल्लाह को हस्तांतरित हो जाता है और यह अहस्तांतरणीय, अविभाज्य और गैर-विरासत योग्य हो जाती है। इसका उपयोग केवल उन उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है जिनके लिए इसे वक्फ किया गया था, जैसे कि मस्जिदों, मदरसों, गरीबों की सहायता, और अन्य सार्वजनिक कल्याण के कार्य।
भारत में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन वक्फ अधिनियम, 1995 के तहत राज्य वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषद द्वारा किया जाता है।
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