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मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर तनाव और राजनीतिक बयानबाजी जारी है।



आज पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर तनाव और राजनीतिक बयानबाजी जारी है। यहां कुछ मुख्य बातें हैं:

मुर्शिदाबाद में हिंसा: वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज और अन्य इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में कई घर जला दिए गए और लोगों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा। कुछ खबरों के अनुसार, इस हिंसा में तीन लोगों की मौत भी हुई है।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा के लिए बाहरी लोगों को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि बीजेपी ने दावा किया है कि दंगा फैलाने वाले बांग्लादेश से आए थे। बीजेपी ने इस हिंसा में मारे गए लोगों के लिए 'शहीदी दिवस' मनाने का ऐलान किया है।

पीड़ितों की आपबीती: हिंसा से पीड़ित लोगों ने अपनी दर्दनाक कहानियां बताई हैं, जिसमें घरों को जलाना और चुन-चुन कर मारने जैसे आरोप शामिल हैं। एक महिला अपने सात दिन के बच्चे को लेकर गंगा नदी पार कर सुरक्षित स्थान पर पहुंची।

प्रशासनिक कार्रवाई: पश्चिम बंगाल पुलिस ने मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच के लिए एक एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया है। केंद्र सरकार भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और राज्य सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

योगी आदित्यनाथ का बयान: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल में हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है, जिस पर ममता बनर्जी ने आपत्ति जताई है।

शांति की अपील: ममता बनर्जी ने कोलकाता में इमामों से मुलाकात कर मस्जिदों से शांति बनाए रखने की अपील करने को कहा है।

फिलहाल मुर्शिदाबाद में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और पिछले चार दिनों से हिंसा की कोई नई घटना सामने नहीं आई है। बाजार धीरे-धीरे खुलने लगे हैं, लेकिन इलाके में अभी भी तनाव बना हुआ है। हिंसा में बांग्लादेशी घुसपैठियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।


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